सड़क परिवहन तंत्र
. पर्वतीय भौतिक संरचना के कारण उत्तराखंड के लगभग 40 प्रतिशत भू-भाग पर सड़कों का विकास अभी तक नहीं हो पाया है।
. राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों की संख्या 14 है जिसकी कुल लंबाई 1375 किलोमीटर है।
. राज्य के गढ़वाल मंडल में सड़कों की लंबाई कुमाऊं मंडल से ज्यादा है।
. बद्रीनाथ धाम राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 58 से जुड़ा है।
. केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 109 पर स्थित है।
. गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 108 पर स्थित है।
. यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 94 पर स्थित है।
. उत्तराखंड का सबसे बड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग 58 है (376 किलोमीटर)।
. सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग 72 A है जिसकी लंबाई 15 किलोमीटर है।
. चारों धाम को 12 महीने सुरक्षित रुप से जोड़ने वाली चार धाम सड़क परियोजना इसकी लंबाई 900 किलोमीटर है वर्तमान में निर्माणाधीन है इसकी कुल लागत 12000 करोड रुपए है इस परियोजना के तहत पुल, बाईपास और टनल के द्वारा मजबूत और अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर आधारित राजमार्ग द्वारा चार धाम यात्रा को सुरक्षित, सुगम और यात्रा अनुकूल बनाया जाएगा। जिससे उत्तराखंड में मौजूद पर्यटन की अवसरों का उचित दोहन हो पाएगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
. टिहरी गढ़वाल जिले में पांच सड़कों वाला चौराहा स्थित है।
. त्यूनी देहरादून से लोहाघाट चंपावत को जोड़ने वाली 659 किलोमीटर लंबी दो लाइन वाली परियोजना "हिमालयन हाईवे "वर्तमान में निर्माणाधीन है।
. गढ़वाल मोटर ऑनर्स यूनियन लिमिटेड की स्थापना 1941 में कोटद्वार में हुई इसका एक कार्यालय ऋषिकेश में भी है।
. कुमाऊं मोटर ऑनर्स यूनियन लिमिटेड की स्थापना 1939 में काठगोदाम में हुई थी इसका कार्यालय रामनगर तक टनकपुर में है।
. गढ़वाल मोटर यूजर्स कोआपरेटिव ट्रांसपोर्ट सोसाइटी लिमिटेड की स्थापना 1958 में रामनगर में हुई।
रेल परिवहन
.पर्वतीय भौगोलिक संरचना के कारण प्रदेश में रेल पत्र का विस्तार बहुत कम है है लगभग 345 किलोमीटर।
राज्य के केवल 6 जिलों हरिद्वार, देहरादून ,पौड़ी, उधमसिंहनगर, नैनीताल और चंपावत में रेल लाइनें बिछाई गई है।
.राज्य में छोटे बड़े कुल 41 रेलवे स्टेशन है।
.उपरोक्त 6 जिलों में सर्वाधिक रेलपथ वाला जिला हरिद्वार तथा सबसे कम रेलपथ वाला जिला पौड़ी गढ़वाल है।
.राज्य में बिछाई की प्रथम रेल लाइन रामपुर से किच्छा से लाल कुआं से काठगोदाम है जोकि 1884 से परिचालन में है।
.देहरादून रेलवे स्टेशन मार्च 1900 में स्थापित किया गया। यह उत्तर रेलवे का सबसे आखिरी रेलवे स्टेशन है।
.यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ एवं बदरीनाथ को 12 महीने चलने वाले चौड़े राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना पर काम शुरू होने के बाद हिन्दू समुदाय के पवित्र चारों धाम को रेललिंक से जोड़ने का परियोजना प्रस्तावित है जिसका सर्वेक्षण कार्य वर्तमान में जारी है। चार धाम को रेललिंक से जोड़ने की पूरी योजना पर 43 हजार 292 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. इस परियोजना के तहत रेल लाइन बिछाने के अलावा भूस्खलन एवं पर्यावरण बचाव पर भी काम किया जायेगा.
हवाई परिवहन
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