बहुद्देशीय परियोजनाओं से सिचाई के अलावा बाढ़ नियंत्रण, पेयजल आपूर्ति, जलीय परिवहन जल विद्युत उत्पादन, पर्यटन आदि कार्य किए जा सकते हैं।
. जवाहरलाल नेहरू ने बहुउद्देशीय परियोजनाओं को "आधुनिक भारत के मंदिर "एवं "नए तीर्थ " कहा था।
. भारत की कुछ महत्वपूर्ण नदी परियोजनाएं निम्नलिखित हैं-
1- दामोदर घाटी परियोजना- हुगली की सहायक नदी दामोदर पर स्थापित यह स्वतंत्र भारत की प्रथम बहुउद्देशीय परियोजना है। संयुक्त राज्य अमेरिका की टेनिसी घाटी परियोजना के आधार पर सन 1948 में इसकी शुरुआत की गई। यह झारखंड और पश्चिम बंगाल दो राज्य की परियोजना है।
2- भाखड़ा नांगल परियोजना- देश की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय परियोजना । यह पंजाब, हरियाणा और राजस्थान की संयुक्त परियोजना है। भाखड़ा बांध संसार का सबसे ऊंचा गुरुत्वीय बांध है। (226 मीटर) इस बांध के पीछे बनी झील का नाम गोविंद सागर है जो हिमाचल प्रदेश में स्थित है।
3- कोसी परियोजना- बिहार में स्थित यह परियोजना बिहार का शोक कही जाने वाली कोसी नदी पर स्थापित है। कोसी मार्ग परिवर्तन और विनाशकारी बाढ़ के लिए जानी जाती है।
4- रिहंद परियोजना- यह परियोजना सोन की सहायक नदी रिहंद पर स्थापित है। इस बांध के पीछे गोविंद बल्लभ पंत सागर नामक एक कृत्रिम झील बनाई गई है जो भारत की सबसे बड़ी कृत्रिम झील है। यह उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित है।
5- चंबल परियोजना- यमुना की सहायक नदी चंबल पर स्थापित। मध्यप्रदेश और राजस्थान की संयुक्त परियोजना। इस परियोजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश में गांधी सागर बांध तथा राजस्थान में राणा प्रताप सागर बांध, जवाहर सागर बांध तथा कोटा बैराज बनाए गए हैं। इस योजना का मुख्य उद्देश्य चंबल नदी द्रोणी में मृदा संरक्षण करना है।
6- हीराकुंड परियोजना- हीराकुंड परियोजना महानदी पर स्थित उड़ीसा की महत्वपूर्ण परियोजना है। महानदी उड़ीसा का शोक कहलाती क्योंकि इसमें कई बार भयंकर बाढ़ के कारण जान माल की हानि होती रही है इस परियोजना के स्थापित होने से इस खतरे में कमी आई है।
7- इंदिरा गांधी नहर परियोजना- विश्व की विशालतम सिंचाई परियोजना। इसका उद्घाटन 1958 में तत्कालीन गृहमंत्री गोविंद वल्लभ पंत ने किया था। यह नहर सतलुज और व्यास के संगम पर स्थित हरिके बैराज से निकाली गई है। यह राजस्थान के शुष्क व अर्ध शुष्क क्षेत्रों को सिंचाई सुविधा प्रदान करती है। इस नहर ने थार मरुस्थल को हरियाली में बदल दिया है। खाद्यान्न उत्पादन में बढ़ोत्तरी, पेयजल की उपलब्धता तथा मरुस्थल के प्रसार पर नियंत्रण आदि इस योजना के अन्य महत्वपूर्ण लाभ हैं।
8-टिहरी बांध परियोजना- भागीरथी और भिलंगना के संगम पर स्थापित यह परियोजना उत्तराखंड में स्थित है। यह एशिया का सबसे ऊंचा तथा दुनिया का चौथा सबसे ऊंचा मिट्टी और पत्थर निर्मित बांध है। इस परियोजना की कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 2400 मेगावाट है। बांध के पीछे स्वामी रामतीर्थ सागर नामक झील निर्मित है। इस बांध का डिजाइन जेम्स ब्राउन ने तैयार किया था।
9- नर्मदा घाटी परियोजना- मध्य प्रदेश गुजरात और महाराष्ट्र की संयुक्त परियोजना जो भारत की पांचवी विशालतम नदी और पश्चिम की ओर बहने वाली देश की सबसे लंबी नदी नर्मदा पर स्थापित है। इस नदी पर गुजरात में सरदार सरोवर बांध तथा मध्यप्रदेश में नर्मदा सागर बांध की स्थापना की गई है।
A- सरदार सरोवर परियोजना- मध्य प्रदेश महाराष्ट्र गुजरात की संयुक्त परियोजना नर्मदा नदी पर स्थापित है।
B- नर्मदा सागर परियोजना- इसे इंदिरा सागर बांध भी कहा जाता है इस परियोजना के अंतर्गत नर्मदा नदी पर पुनासा (मध्य प्रदेश )में बांध का निर्माण किया गया है ।
B- नर्मदा सागर परियोजना- इसे इंदिरा सागर बांध भी कहा जाता है इस परियोजना के अंतर्गत नर्मदा नदी पर पुनासा (मध्य प्रदेश )में बांध का निर्माण किया गया है ।
10- केन बेतवा लिंक परियोजना- नदी जोड़ो परियोजना के अंतर्गत प्रस्तावित यह परियोजना उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश की संयुक्त परियोजना है जिसके द्वारा दोनों राज्यों में पानी की कमी वाले क्षेत्रों को पेयजल और सिंचाई के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध हो सकेगा।