◆राज्य का लोक वाद्य- ढोल
( ढोल को वर्ष 2015 में राज्य का लोक वाद्य घोषित किया गया)
◆उत्तराखंड में प्रचलित जाने वाले लगभग 36 लोक वाद्य को निम्न श्रेणी में वर्गीकृत किया जा सकता है-
1. घन वाद्य- लौहपदार्थ अथवा ठोस सतह से संबंधित वाद्य यंत्र
विणाई, कांसे की थाली, मजीरा, घाना, घुंघरू कसेरी, चिमटा, करताल आदि।
विणाई, कांसे की थाली, मजीरा, घाना, घुंघरू कसेरी, चिमटा, करताल आदि।
2. अवनद्ध वाद्य/ चर्म वाद्य- चमड़े से निर्मित वाद्य यंत्र
हुड़का, दमाऊ, ढोल, नगाड़ा, डफली, डमर, डौंर, ढोलकी आदि।
हुड़का, दमाऊ, ढोल, नगाड़ा, डफली, डमर, डौंर, ढोलकी आदि।
3.सुषिर वाद्य- वायु संबंधित
रणसिंहा, नागफनी, मशकबीन, शंख, भौकर/ भकोरा , मुरूली, जोया मुरूली, तुरही।
रणसिंहा, नागफनी, मशकबीन, शंख, भौकर/ भकोरा , मुरूली, जोया मुरूली, तुरही।
4. तांत/तार वाद्य- तार से संबंधित
सारंगी, दोतारा, इकतारा, गोपी यंत्र/ गोपी इकतारा
सारंगी, दोतारा, इकतारा, गोपी यंत्र/ गोपी इकतारा