प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के कानपुर में राष्ट्रीय गंगा परिषद की पहली बैठक की अध्यक्षता की।
● परिषद की अध्यक्षता भारत के प्रधानमंत्री करते हैं तथा परिषद के सदस्य गंगा के अपवाह क्षेत्र में शामिल राज्यों-उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री होते हैं।
●गंगा और उसकी सहायक नदियों सहित नदी गंगा बेसिन के प्रदूषण निवारण और कायाकल्प के लिए परिषद को समग्र जिम्मेदारी दी गई है।
●परिषद की पहली बैठक का उद्देश्य संबंधित राज्यों के सभी विभागों के साथ-साथ संबंधित केंद्रीय मंत्रालयों में-गंगा केंद्रित ’दृष्टिकोण के महत्व को मजबूत करना था।
●उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत, बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी, केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, जल-शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, केन्द्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन, श्री आर. के. सिंह, श्री प्रह्लाद पटेल, श्री मनसुख मंडाविया तथा श्री हरदीप सिंह पुरी के अलावा केन्द्र और राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में हिस्सा लिया।
●प्रधान मंत्री ने स्वच्छता,अविरलता और निर्मलता पर ध्यान देते हुए गंगा नदी की सफाई के विभिन्न पहलुओं पर किए गए कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और विचार-विमर्श किया।
●उन्होंने कहा कि सरकार ने 2014 में 'नमामि गंगे' शुरू करने के बाद बहुत कुछ किया है, जो कि प्रदूषण उन्मूलन, संरक्षण और गंगा के कायाकल्प के उद्देश्य से विभिन्न सरकारी प्रयासों और गतिविधियों को एकीकृत करने के लिए एक व्यापक पहल है।
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